
विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक में पदक से चूकना केवल व्यक्तिगत हार नहीं है; यह भारतीय कुश्ती संघ (WFI) और कोचिंग व्यवस्थाओं की बड़ी विफलता का प्रतीक है। फाइनल मुकाबले से पहले 100 ग्राम अतिरिक्त वजन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना न केवल विनेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक निराशाजनक घटना रही। इस मामले ने एक बार फिर भारतीय खेल प्रशासन की खामियों को उजागर किया है।
विनेश फोगाट की तैयारी और कोचिंग टीम की विफलता
विनेश फोगाट के मामले में सबसे चिंताजनक पहलू उनकी कोचिंग और सपोर्ट टीम की विफलता है। जब टीम को पहले से ही मालूम था कि विनेश को 53 किलोग्राम से 50 किलोग्राम के वर्ग में शिफ्ट करना पड़ा है, तो उनके वजन को इस प्रकार नियंत्रित क्यों नहीं किया गया कि वे अंतिम मुकाबले से पहले अयोग्य न घोषित हों? यह जिम्मेदारी उनके कोच, डाइटिशियन और डॉक्टर की थी, जो अपने कर्तव्यों को निभाने में असफल रहे। विनेश की टीम का यह कर्तव्य था कि वे सुनिश्चित करें कि उनका वजन निर्धारित सीमा में ही रहे।
भारतीय कुश्ती संघ की विफलता
पेरिस ओलंपिक में भारतीय कुश्ती दल के अपेक्षा से कमतर प्रदर्शन का दोष केवल खिलाड़ियों के सिर नहीं मढ़ा जा सकता। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने खिलाड़ियों को अपेक्षित मानसिक और शारीरिक समर्थन देने में असफलता दिखाई है। ओलंपिक स्तर पर खिलाड़ियों को बेहतर देखभाल और समर्थन की आवश्यकता होती है, जो कि संघ द्वारा प्रदान नहीं किया गया। वर्ष 2023 में बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए यौन उत्पीड़न के आरोपों और संघ के संचालन में हुए व्यवधान ने भी खिलाड़ियों की तैयारी पर बुरा असर डाला।
टोक्यो ओलंपिक के बाद भारतीय कुश्ती का पतन
टोक्यो ओलंपिक के बाद से ही भारतीय कुश्ती ने जो कठिनाइयों का सामना किया है, वह पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन पर प्रत्यक्ष रूप से दिखा। कुश्ती संघ की आंतरिक समस्याओं, कोचिंग कैंपों की कमी और खिलाड़ियों के समर्थन की अनुपलब्धता ने पेरिस ओलंपिक में हमारे प्रदर्शन को खराब कर दिया। राष्ट्रीय कोचिंग कैंपों का आयोजन न होना और पहलवानों को अपने-अपने कोच और सपोर्ट स्टाफ के साथ तैयारियों के लिए मजबूर होना, ओलंपिक में हमारी असफलता का बड़ा कारण बना।
निष्कर्ष
विनेश फोगाट की हार केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की विफलता नहीं है; यह भारतीय कुश्ती संघ और कोचिंग व्यवस्थाओं की सामूहिक विफलता का नतीजा है। यह घटना हमारे खेल प्रशासन की खामियों को स्पष्ट रूप से उजागर करती है। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर सफल होने के लिए सिर्फ खिलाड़ियों की मेहनत ही नहीं, बल्कि संगठनों और कोचिंग स्टाफ की समर्पण और जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
Tags:
विनेश फोगाट, भारतीय कुश्ती संघ, पेरिस ओलंपिक, भारतीय कुश्ती, खेल प्रशासन, कोचिंग विफलता, ओलंपिक तैयारी, महिला पहलवान, खेल नीति, यौन उत्पीड़न आरोप